/ Jul 01, 2025

EV या पेट्रोल? रिपोर्ट में खुलासा— Electric Cars में 80% ज्यादा दिक्कतें, जानें वजह

Electric-Car Issues: आज जब भारत समेत दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों का बोलबाला है, एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक कारों में पेट्रोल कारों की तुलना में 80% ज्यादा विश्वसनीयता से जुड़ी समस्याएं होती हैं। यह जानकारी ऐसे वक्त में आई है जब भारत सरकार, ऑटो कंपनियां और ग्राहक तेजी से EV को अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं।

न्यूज19 स्पेशल: इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर जो नया डेटा सामने आया है, वह काफी चौंकाने वाला है। हमने इस रिपोर्ट को गहराई से पढ़ा और उसका सरल विश्लेषण आपके लिए किया है। हमने कुछ समय पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर्स पर भी चर्चा किया था, आप चाहें तो इसकी गाइडेंस भी पढ़ सकते हैं।

किस रिपोर्ट में हुआ यह दावा?

यह दावा अमेरिका की एक Consumer Reports संस्था ने किया है, जो हर साल वाहनों की परफॉर्मेंस, सिक्योरिटी और कस्टमर संतुष्टि को लेकर विश्लेषण करती है। 2024 की रिपोर्ट के आधार पर कहा गया है कि पेट्रोल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों में भरोसे की समस्याएं कहीं अधिक हैं।

इसमें EV के ड्राइवट्रेन, बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर ग्लिच और चार्जिंग यूनिट्स जैसे हिस्सों को लेकर समस्याओं की बात की गई है।

इलेक्ट्रिक कारों में किन चीज़ों से आती हैं दिक्कतें?

1. बैटरी से जुड़ी समस्या

बैटरी ओवरहीटिंग, चार्जिंग स्लो होना या अचानक ड्रॉप हो जाना — EV की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। कई कंपनियों को बैटरी की खराबी की वजह से गाड़ियां वापस बुलानी पड़ी हैं।

2. सॉफ्टवेयर अपडेट फेल होना

EV में डिजिटल कंट्रोल और OTA (Over-the-Air) अपडेट आम हो चुके हैं, लेकिन कई बार अपडेट्स फेल हो जाते हैं जिससे ब्रेक, एसी, या यहां तक कि मोटर भी काम करना बंद कर देती है।

3. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी

भारत जैसे देशों में EV चार्जिंग स्टेशन अभी भी बहुत कम हैं। चार्जिंग में लंबा समय और लाइन में लगना आम हो गया है, जिससे ग्राहक परेशान होते हैं।

4. इलेक्ट्रॉनिक्स और सेंसर की दिक्कत

कई बार ऑटो ब्रेकिंग सिस्टम, सेंसर्स, पार्किंग असिस्ट जैसे फीचर्स सही तरीके से काम नहीं करते। इससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।

क्या सिर्फ EV में ही होती हैं दिक्कतें?

नहीं, पेट्रोल और डीजल गाड़ियों में भी समय-समय पर तकनीकी दिक्कतें आती हैं। लेकिन EV एक नई टेक्नोलॉजी है और इसका Mass adoption अभी शुरुआती दौर में है। इसलिए इन गाड़ियों में initial reliability issues ज्यादा सामने आते हैं।

भारत में EV की स्थिति कैसी है?

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक:

  • 2025 तक भारत में 20 लाख से ज्यादा EV बिक्री की उम्मीद है।
  • भारत सरकार की FAME-II स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को सब्सिडी दी जा रही है।
  • Ola Electric, Tata Motors, Mahindra, Hyundai, MG और BYD जैसी कंपनियां भारत में तेजी से अपने EV मॉडल लॉन्च कर रही हैं।

Tata, MG, Hyundai जैसे ब्रांडों की प्रतिक्रिया

Tata, MG, Hyundai electric vehicles

भारतीय ऑटो कंपनियों ने इस रिपोर्ट पर सीधे तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन वे लगातार अपने EVs को सुधारने और अपग्रेड करने में लगे हुए हैं।
Tata Nexon EV, MG ZS EV और Hyundai Kona EV जैसी कारों में अब पहले से बेहतर बैटरी पैक और सॉफ्टवेयर दिए जा रहे हैं।

क्या ग्राहक अब भी EV खरीदने में रुचि रखते हैं?

जी हां, खासकर मेट्रो शहरों में जहां पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं और लोगों को कम खर्चीले और पर्यावरण फ्रेंडली विकल्प चाहिए।

हालांकि, ग्राहक अब EV खरीदते समय ज्यादा सतर्क हो गए हैं। वे कंपनी की वारंटी, सर्विस नेटवर्क और ग्राहक समीक्षा देखकर ही गाड़ी खरीदने का निर्णय ले रहे हैं।

रिपोर्ट के असर: सरकार और कंपनियों को क्या करना चाहिए?

  • सरकार को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
  • कंपनियों को बैटरी की गुणवत्ता, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और लोकल कंडीशन के अनुसार गाड़ियों की टेस्टिंग पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।
  • ग्राहकों को भी जागरूक होना होगा और EV को लेकर सही जानकारी जुटानी होगी।

भविष्य क्या कहता है?

EVs की तकनीक लगातार बेहतर हो रही है। Solid-state बैटरी, fast-charging टेक्नोलॉजी और सस्ते EV मॉडल आने से यह उद्योग और तेज़ी से बढ़ेगा।
भविष्य में ये समस्याएं कम होती जाएंगी और EVs ज्यादा भरोसेमंद बनेंगी।

निष्कर्ष: EV एक ज़रूरी बदलाव है, लेकिन चुनौतियों के साथ

इस रिपोर्ट ने EV की मौजूदा चुनौतियों को उजागर किया है। हालांकि, यह भी सच है कि हर नई टेक्नोलॉजी के साथ शुरुआती समस्याएं आती हैं
अगर कंपनियां और सरकार इन समस्याओं को गंभीरता से लें और समाधान दें, तो EV न सिर्फ पर्यावरण के लिए बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए भी भरोसेमंद साबित हो सकते हैं।

FAQs

इलेक्ट्रिक कारों में किस तरह की सबसे ज्यादा समस्या आती है?
EVs में बैटरी, चार्जिंग यूनिट, सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी समस्याएं आम हैं।

क्या EV पेट्रोल गाड़ियों से कम भरोसेमंद हैं?
एक रिपोर्ट के मुताबिक EV में पेट्रोल गाड़ियों की तुलना में 80% ज्यादा भरोसेमंद समस्याएं देखने को मिलती हैं।

भारत में कौन-कौन सी कंपनियां EV बना रही हैं?
Tata Motors, MG, Hyundai, Mahindra, Ola Electric, BYD और Ather जैसी कंपनियां EV बनाती हैं।

क्या भारत में EV चार्जिंग की सुविधा पर्याप्त है?
अभी नहीं, लेकिन सरकार और कंपनियां मिलकर चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ा रही हैं।

क्या EV खरीदना सही निर्णय है?
अगर आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं और कम दूरी की यात्रा करते हैं, तो EV एक बढ़िया विकल्प हो सकता है।

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