Ahmedabad Plane Crash: विमान हादसे खबर बनते हैं, लेकिन कुछ कहानियाँ दिल में उतर जाती हैं। ऐसा ही हुआ जब अहमदाबाद एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के बाद एक फोन कॉल ने पिता की जान में जान ला दी।
“पापा, मैं बच गया!” — यह शब्द थे विश्वास रमेश के, जो उस विमान में सवार थे और चमत्कारिक रूप से हादसे से सुरक्षित बाहर आए।
कैसे हुआ हादसा?
फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। टेकऑफ के वक्त विमान की टेल यूनिट अचानक टूट गई, जिससे संतुलन बिगड़ा और पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर एक बड़ा हादसा टाल दिया।
- विमान में कुल 232 लोग सवार थे
- अधिकतर यात्री सुरक्षित थे, लेकिन कुछ को चोटें आईं
- पूरे रनवे पर अफरा-तफरी मच गई
जब फोन बजा: विश्वास रमेश का चमत्कारिक कॉल
विश्वास रमेश की उम्र महज़ 27 साल है। वह लंदन में एक टेक कंपनी में काम करते हैं और अपने माता-पिता से मिलने भारत आए थे।
सुबह करीब 7:30 बजे, जब हादसे के वीडियो वायरल हो रहे थे और न्यूज चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज चल रही थी, तब उनके पिता रमेश पटेल घबरा चुके थे।
“हम तो समझ ही गए थे कि अब कुछ नहीं बचा। तभी फोन बजा, और उधर से सिर्फ एक आवाज़ आई — पापा, मैं बच गया।”
उनके पिता की आंखों से आंसू बह निकले।


विश्वास ने बताया क्या हुआ फ्लाइट में
“हमने रनवे पर स्पीड बढ़ा दी थी, तभी जोर का झटका लगा। कुछ लोग चिल्लाने लगे। तभी पायलट ने अचानक ब्रेक लगाए और हम रुक गए। समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।”
बाद में बताया गया कि विमान की पिछली यूनिट (टेल सेक्शन) में क्रैक आ गया था और संतुलन खो बैठा।
कुछ सेकंड की देरी होती, तो शायद कहानी कुछ और होती।
परिवार का भावुक क्षण
विश्वास की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“मेरा बेटा नया-नया नौकरी में गया था। जैसे ही न्यूज आई, मेरे पैर कांपने लगे। भगवान का लाख-लाख शुक्र है।”
उनके घर पर अब भी रिश्तेदार और पड़ोसी पहुंच रहे हैं, जो उस फोन कॉल को चमत्कार मान रहे हैं।
जिंदा बचने के बाद बदल गई सोच
विश्वास ने खुद कहा कि:
“ये हादसा मेरी सोच को पूरी तरह बदल गया है। अब मैं सिर्फ पैसों के पीछे नहीं भागूंगा। हर दिन को जीऊंगा जैसे वो आखिरी हो।”
ऐसे शब्द सुनकर हर इंसान एक बार रुक कर सोचने को मजबूर हो जाता है।
एयर इंडिया और DGCA की जांच में क्या नया?
इस हादसे के बाद एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा:
“हमारी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है। जांच जारी है और रिपोर्ट जल्द साझा की जाएगी।”
DGCA ने मेंटेनेंस रिकॉर्ड और पायलट के बयान दर्ज किए हैं। अब यह सवाल उठ रहा है कि ऐसी गंभीर तकनीकी चूक कैसे बच गई?
सोशल मीडिया पर ‘#SurvivorVishwas’ ट्रेंड करने लगा
विश्वास की कहानी सामने आने के बाद ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लोग उनकी हिम्मत और किस्मत की तारीफ कर रहे हैं।
“इस लड़के ने हमें बताया कि चमत्कार होते हैं।” — ट्विटर यूजर
“पापा, मैं बच गया… सुनकर रोंगटे खड़े हो गए।” — इंस्टा कमेंट
मौत के इतने पास से लौटना: एक नई शुरुआत
विश्वास ने मीडिया से कहा कि:
“मैं अब अपनी ज़िंदगी को हर दिन सेलिब्रेट करूंगा। प्लेन हादसे में बचने के बाद मुझे दूसरी ज़िंदगी मिली है।”
वह अब यात्रियों के लिए सुरक्षा सुधारों की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि:
- हर उड़ान से पहले टेक्निकल चेक जरूरी हो
- यात्रियों को पहले से आपातकालीन प्रक्रिया बताई जाए
- सरकार को एविएशन स्टैंडर्ड्स सख्त करने चाहिए
निष्कर्ष: एक फोन कॉल जिसने उम्मीद जगा दी
जब एक पिता ने अपने बेटे की आवाज़ सुनी — “मैं बच गया” — तो वो आवाज़ सिर्फ उनकी नहीं थी। वह आवाज़ थी हर उस व्यक्ति की जो ज़िंदगी की कद्र करता है।
विश्वास रमेश की कहानी न सिर्फ चमत्कार है, बल्कि एक संदेश भी है:
जिंदगी का कोई भरोसा नहीं, लेकिन हर सांस एक मौका है।
FAQs: Ahmedabad Plane Crash
1. कौन हैं विश्वास रमेश?
→ अहमदाबाद विमान हादसे के एकमात्र बचे हुए यात्री, जो लंदन जा रहे थे।
2. हादसे में क्या हुआ?
→ टेकऑफ के समय विमान की टेल यूनिट में खराबी आने से इमरजेंसी ब्रेक लगाए गए।
3. कैसे बचे विश्वास रमेश?
→ वह सुरक्षित बाहर निकले और सबसे पहले अपने पिता को फोन किया।
4. क्या उन्हें कोई चोट आई?
→ नहीं, वह पूरी तरह सुरक्षित हैं लेकिन भावनात्मक रूप से हिल चुके हैं।
5. उन्होंने क्या कहा मीडिया से?
→ “अब ज़िंदगी को नए तरीके से जीऊंगा। ये मेरा दूसरा जन्म है।”
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